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2016-03-06


 टॉमिल्सन को दुनियाभर से श्रद्धांजलि दी गई।  गूगल की जीमेल टीम ने ट्वीट किया, ''ईमेल के आविष्कार और नक्शे पर एट रेट का चिह्न लगाने के लिए शुक्रिया, रे टॉमिल्सन। हैशटैग आरआईपी।''   इंटरनेट के जनकों में से एक माने जाने वाले विंट सर्फ ने टॉमिल्सन के निधन की ''बेहद दुखद खबर'' पर शोक जाहिर किया। विंट यूएस डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी के प्रबंधक रहे हैं।

टॉमिल्सन ने जब ईमेल पतों के लिए एट द रेट का आविष्कार किया तो उसे डीएआरपीए के एरपानेट पर लगाया गया था। वह ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने एट द रेट चिह्न का इस्तेमाल किसी यूजर को अपने होस्ट से अलग करने के लिए किया।

मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्नातक ने अपने ब्लॉग पर अपने आविष्कार के बारे में विस्तार से लिखा था। उनका कोशिश थी कि तथ्य पीछे न छूट जाएं।

उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा था, ''पहला संदेश दो मशीनों के बीच भेजा गया। ये मशीनें एरपानेट के जरिए एक दूसरे के एकदम पास रखकर जोड़ी गई थीं।'' ''मैंने एक मशीन से दूसरी मशीन पर खुद को ही कई संदेश भेजे। वे संदेश अब मैं भूल चुका हूं।''

टॉमिल्सन ने अंग्रेजी भाषा के कीबोर्ड में शुरुआती अक्षरों का संदर्भ देते हुए कहा था कि ''संभवत: पहला संदेश क्यूडब्ल्यूईआरटीवाईयूआईओपी या कुछ ऐसा ही था।''   उन्होंने लिखा था, ''जब मुझे संतुष्टि हो गई कि यह प्रोग्राम कारगर है, तब मैंने अपने बाकी समूह को संदेश भेजा, जिसमें बताया गया कि किस तरह से संदेशों को पूरे नेटवर्क पर भेजा जाए। नेटवर्क ईमेल के पहले इस्तेमाल में इसके अपने अस्तित्व पर ही बात की गई।'' 


रेल में यात्रा करने वाले लोगों के लिए इंडियन रेलवे ने नया नियम लागू कर दिया है। इस नियम के अनुसार ट्रेन का टिकल खरिदते समय यात्रियों को नागरिकता भी बतानी होगी।

भारत के लोगों को सिर्फ भारतीय लिखना होगा वहीं अन्य देशों के लोगों को पासपोर्ट नंबर या फिर देश का कोड नंबर भी दर्ज कराना होगा। ट्रेन के यात्री चार्ट में भी इसका असर दिखेगा। चार्ट में यह दर्ज किया जाएगा कि किस-किस देश के नागरिक ट्रेन में सफर कर रहे हैं। इंडियन रेलवे ने इस नियम को तत्काल प्रभाव से इसे लागू कर दिया है।

होंगे बड़े फायदे

देश की नागरिकता का टिकट के साथ रजिस्टर्ड हो जाने से रेलवे को यह पता लगाने में आसानी होगी कि किस रूट पर सबसे ज्यादा विदेशी ट्रैवल करते हैं। इसके आधार पर उस जगह की पहचान कर उसके आस-पास सुविधाएं उपलब्ध कराया जा सकेगा। जिससे इंडियन टूरिज्म को फायदा मिल सके। देश की सुरक्षा में भी इससे मदद मिलेगी। किसी पर शक होने पर उसका पासपोर्ट नंबर सर्वर पर डालकर उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा सकेगी।

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